सावन पर शायरी हिंदी में
Sawan Shayari
सावन में हम पानी बनकर बरस जायेंगे
पतझड़ में फूल बनके बिखर जायेंगे
क्या हुआ जो हम आपको तंग करते हैं
कभी आप इन लम्हों के लिए भी तरस जायेंगे
इस सावन में हम भीग जायेंगे
दिल में तमन्ना के फूल खिल जायेंगे
अगर दिल करे मिलने को तो याद करना
बरसात बनकर हम बरस जायेंगे
Sawan shayari hindi |
मौसम है सावन का और याद तुम्हारी आती है
बारिश के हर कतरे से आवाज़ तुम्हारी आती है
बादल जब गरजते हैं, दिल की धड़कन बढ़ जाती है
दिल की हर इक धड़कन से आवाज़ तुम्हारी आती है
Sawan Shayari In Hindi
बनके सावन कहीं वो बरसते रहे
इक घटा के लिए हम तरसते रहे
आस्तीनों के साये में पाला जिन्हें,
साँप बनकर वही रोज डसते रहे
रिमझिम तो है मगर सावन गायब है,
बच्चे तो हैं मगर बचपन गायब है..!!
क्या हो गयी है तासीर ज़माने की यारों
अपने तो हैं मगर अपनापन गायब है !
सावन की मीठी-सी बरसात है,
सावन से त्योहारों की शुरुआत है।
नज़ारा बेहद कमाल लगता है ,
खुदा की ये कैसी करामात है।
Sawan shayari in hindi |
सावन का ये मौसम कुछ याद दिलाता हैं
किसी के साथ होने का एहसास दिलाता हैं
फ़िज़ा भी सर्द हैं यादें भी ताज़ा हैं
ये मौसम किसी का प्यार दिल में जगाता है
सावन शायरी हिंदी
बनके सावन कहीं वो बरसते रहे
इक घटा के लिए हम तरसते रहे
आस्तीनों के साये में पाला जिन्हें,
साँप बनकर वही रोज डसते रहे
ऐ सावन की बारिश जरा थम के बरस
जब मेरा सनम आ जाए तो जम के बरस
पहले ना बरस कि वो आ न सके
जब वो आ जाए तो इतना बरस कि वो जा न सके
ये दौलत भी ले लो, ये शोहरत भी ले लो
भले छीन लो मुझसे मेरी ज़वानी
मगर मुझको लौटा दो वो बचपन का सावन
वो कागज़ की कश्ती वो बारिश का पानी
सावन पर शायरी |
फूल से दोस्ती करोगे तो महक जाओगे;
सावन से दोस्ती करोगे तो भीग जाओगे;
हमसे करोगे तो बिगड़ जाओगे;
और नहीं करोगे तो किधर जाओगे।
सावन शायरी हिंदी में
सावन की बूंदों में झलकती है उसकी तस्वीर
आज फिर भीग बैठे उसे पाने की चाहत में
वो तेरा शरमा के मुझसे यूँ लिपट जाना
कसम से हर महीने में सावन सा अहसास देता है
मुझे मालूम है तूमनें बहुत बरसातें देखी है…
मगर मेरी इन्हीं आँखों से सावन हार जाता है
लाख बरसे झूम के सावन मगर वो बात कहाँ
जो ठंडक पङती है दिल में तेरे मुस्कुराने से
Sawan shayari |
जो गुजरे इश्क में सावन सुहाने याद आते हैं
तेरी जुल्फों के मुझको शामियाने याद आते हैं
रुकी रुकी सी है बरसात ख़ुश्क है सावन
ये और बात कि मौसम यही नुमू का है
अब के सावन में शरारत ये मिरे साथ हुई
मेरा घर छोड़ के कुल शहर में बरसात हुई
लाख बरसे झूम के सावन मगर वो बात कहाँ..
जो ठंडक पङती है दिल में तेरे मुस्कुराने से ..
वो भला क्यूँ कदर करते हमारे अश्को की
सुना है सावन उनके शहर पर कुछ ज्यादा मेहरबान रहता है..।।
जो गुजरे इश्क में सावन सुहाने याद आते हैं
तेरी जुल्फों के मुझको शामियाने याद आते हैं
वक़्ते-रुख़सत तैरती है जो किसी की आँख में
सारे सावन पानी भरते है उस नमी के सामने
जितना हँसा था उससे ज़्यादा उदास हूँ
आँखों को इन्तज़ार ने सावन बना दिया
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