Eid Mubarak Shayari- ईद मुबारक शायरी हिंदी में
ये दुआ मांगते है हम ईद के दिन
बाकी न रहे आपका कोई ग़म ईद के दिन
आपके आँगन में उतरे हर रोज़ खुशियों भरा चाँद
और महकता रहे फूलों का चमन ईद के दिन
आप सभी को ईद मुबारक
कोई इतना चाहे हमें तो बताना
कोई तुम्हारी फ़िक्र करे तो बताना
ईद मुबारक तो हर कोई कह देगा
कोई हमारे अंदाज़ में कहे तो बताना
दिल से ईद मुबारक
दिए जलते और जगमगाते रहें
हम आपको इसी तरह याद आते रहें
जब तक ज़िंदगी है ये दुआ है हमारी
आप ईद के चाँद की तरह जगमगाते रहें
आप को ईद मुबारक
ईद लेकर आती है ढेर सारी खुशियां
ईद मिटा देती है इंसान में दूरियां
ईद है ख़ुदा का एक नायाब तबारक
और हम भी कहते हैं आपको “ईद मुबारक”
ऐ रूठे हुवे दोस्त मुझे इतना बता दे,
क्या मुझ से गले मिलने का अब मन नहीं होता,
बच्चों की तरह दौड़ के आ सीने से लग जा,
ये ईद का दिन है कोई दुश्मन नहीं होता.
अर्ज़ किया है ….ज़रा गौर फर्मायिगा।
उनको देखूं तो टूटे मेरा रोजा।
उनको देखूं तो टूटे मेरा रोज़ा।
चाँद को देखे बिना भी ईद होती है कभी।
Eid Mubarak Shayari
ऐ चाँद उनको मेरा ये पैग़ाम कहना
ख़ुशी का दिन और हँसी की शाम कहना
जब देखें बाहर आकर वो तुझे
उसे मालूम है उसके आने से हो जायेगी ईद मेरी,
चाँद सा वो मेरे आँगन में उतर क्यों नहीं आता।
बस एक झलक उसकी भर देगी खुशियों से मुझे,
वो मोतियों सा मेरे होठों पे बिखर क्यों नहीं जाता।
ना हाथ दिया, न गले मिले, ना कुछ बात हुई
अब तुम ही बताओ ऐ साजन ये क़यामत हुई के ईद हुई
बेज़बानों को जब वो ज़बान देता है
पढने को फिर वो कुरान देता है
बख्शने पे आये जब उम्मत के गुनाहों को
तोहफे में गुनाहगारों को “रमजान ” देता है …
समुन्दर को उसका किनारा मुबारक
चाँद को सितारा मुबारक
फूलों को उसकी खुशबू मुबारक
दिल को उसका दिलदार मुबारक
आपको ईद का त्यौंहार मुबारक
Eid Mubarak Shayari In Hindi
महक उठी है फ़ज़ा पैरहन की ख़ुश्बू से
चमन दिलों का खिलाने को ईद आई है
दिलों में प्यार जगाने को ईद आई है
हँसो कि हँसने हँसाने को ईद आई है
मुबारक हो आपको खुदा की दी यह जिंदगी
खुशियों से भरी रहे आपकी यह जिंदगी
गम का साया कभी आप पर ना आए
दुआ है यह हमारी आप सदा यूं ही मुस्कुराएं
आप सभी को ईद मुबारक
नज़र का चैन दिल का सरूर होते हैं
कुछ ऐसे लोग जहाँ में जरूर होते हैं
सदा चमकता रहे ये ईद का तयौहार
ये दुआ मांगते है हम ईद के दिन
बाकी न रहे आपका कोई ग़म ईद के दिन
आपके आँगन में उतरे हर रोज़ खुशियों भरा चाँद
और महकता रहे फूलों का चमन ईद के दिन
आप सभी को ईद मुबारक
चुपके से चाँद की रौशनी छू जाये आपको
धीरे से ये हवा कुछ कह जाये आपको
दिल से जो चाहते हो मांग लो खुदा से
हम दुआ करते हैं वो मिल जाये आपको
आप सभी को ईद मुबारक
समुन्दर को उसका किनारा मुबारक
चाँद को सितारा मुबारक
फूलों को उसकी खुशबू मुबारक
दिल को उसका दिलदार मुबारक
आपको ईद का त्यौंहार मुबारक
चाँद से रोशन हो रमजान तुम्हारा
इबादत से भरा हो रोज़ा तुम्हारा
हर रोज़ा और नमाज़ कबूल हो तुम्हारी
यही अल्लाह से है, दुआ हमारी
ईद मुबारक शायरी
ये दुआ मांगते है हम ईद के दिन
बाकी न रहे आपका कोई ग़म ईद के दिन
आपके आँगन में उतरे हर रोज़ खुशियों भरा चाँद
और महकता रहे फूलों का चमन ईद के दिन
आप सभी को ईद मुबारक
Dil jalte aur jagmagaate rahein
Ham aapko isi tarah yaad aate rahein
Jab tak zindagii hai ye dua hain hamaari
Aap Eid ke chaand ki tarah jagmagaate rahein
Aap ko Eid mubarak
हर ख्वाहिश हो मंजूर-ए-खुदा
मिले हर कदम पर रज़ा-ए-खुदा
फ़ना हो लब्ज़-ए-ग़म यही हैं दुआ
बरसती रहे सदा रहमत-ए-खुदा
ईद मुबारक
ईद शायरी
चाँद से रोशन हो रमजान तुम्हारा
इबादत से भरा हो रोज़ा तुम्हारा
हर रोज़ा और नमाज़ कबूल हो तुम्हारी
यही अल्लाह से है, दुआ हमारी
नज़र का चैन दिल का सरूर होते हैं
कुछ ऐसे लोग जहाँ में जरूर होते हैं
सदा चमकता रहे ये ईद का तयौहार
करीब रह के भी हम से जो दूर होते हैं
Eid Mubarak Shayari 2020
तेरे कहने पे लगायी है यह मेहँदी मैंने
ईद पर अब न तू आया तो क़यामत होगी
साहिब-ए-अक़ल हो आप, एक मसला तो बताओं
तारो से आसमा में खिली रहे बहार
चाँद के जैसा पाक हो सभी का प्यार
होता रहे युहीं अपनों से दीदार
मुबारक हो तुमकों ईद का त्यौहार
तेरी दुनिया, तेरी उम्मीद तुझे मिल जाए
चाँद इस बार तेरी ईद तुझे मिल जाए
जिसकी यादों में चिराग़ों सा जला है शब-भर
उस सहर-रुख़ की कोई दीद तुझे मिल जाए
ईद मुबारक शायरी
कितनी मुश्किलों से फलक पर नज़र आता है
ईद के चाँद का अंदाज़ तुम्हारे जैसा है
मेरे यारों को ईद मुबारक हो
ग़म-गुसारो को ईद मुबारक हो
आशिक व माशूक़, रिंदों पर्सा
आज सबको को ईद मुबारक हो
कुछ अच्छा करना चाहता हूँ
दूसरों का भला करना चाहता हूँ
इस ईद पर आपसे मिलकर
ईद मुबारक कहना चाहता हूँ
वादों ही पे हर रोज़ मेरी जान न टालो
है ईद का दिन अब तो गले हमको लगा लो
ईद मुबारक शायरी हिंदी में
कुछ अच्छा करना चाहता हूँ
दूसरों का भला करना चाहता हूँ
इस ईद पर आपसे मिलकर
ईद मुबारक कहना चाहता हूँ
ईद का त्यौहार आया है
खुशियां अपने संग लाया है
खुदा ने दुनिया को महकाया है
देखो फिर से ईद का त्यौहार आया है
आप सभी को दिल से ईद मुबारक
हम आप की याद में उदास हैं
बस आप से मिलने की आस हैं
चाहे पास कितने ही क्यों न हो
मेरे लिए तो आप ही सब से ख़ास हैं
आपको ईद मुबारक
Eid Mubarak sms Hindi Shayari
हम आप की याद में उदास हैं
बस आप से मिलने की आस हैं
चाहे पास कितने ही क्यों न हो
मेरे लिए तो आप ही सब से ख़ास हैं
मुबारक मौका हैं करो खुदा की इबादत
खुशियों से भरी ये जिंदगी रहे सलामत
अदा करे हर फ़र्ज़ खुदा की रहमत में
पाक दिल युही सजदा करें रमज़ान के महे में.|
चुपके से चांद की रोशनी छु जाए आपको
धीरे से ये हवा कुछ कह जाए आपको
दिल से जो चाहते हो मांग लो खुदा से
हम दुआ करते हैं मिल जाए आपको
आपको ईद मुबारक
तुम दरवाजे पे कभी दस्तक न देना
कुछ आहटों में उम्मीद होनी चाहिए!
क्यूँ हो ये रिवाज इतने पकवानों का
गरीब केे घर भी तो ईद होनी चाहिए!
ईद का त्यौहार आया है
खुशियां अपने संग लाया है
खुदा ने दुनिया को महकाया है.
देखो फिर से ईद का त्यौहार आया है
आप सभी को दिल से ईद मुबारक
Eid Mubarak Wishes In Hindi
माह-ए-नौ देखने तुम छत पे न जाना हरगिज़
शहर में ईद की तारीख़ बदल जाएगी
नज़र का चैन दिल का सरूर होते हैं
कुछ ऐसे लोग जहाँ में जरूर होते हैं
सदा चमकता रहे ये ईद का तयौहार
करीब रह के भी हम से जो दूर होते हैं
मुस्कुराते रहो जैसे खिला हुआ फूल
गमो की बेला जाये तुमको भूल
ऐसे ही प्रेम की चलती रहे रीत
इसी दुआ के साथ मुबारक हो ईद
यूँ तो इबादत बहुत की तुमने
रोज़े में खुदा से मोहब्बत की तुमने
चलो अब वक्त आया है की इबादत का सिला पाए
चाँद निकल आया है चाँद निकल आया है
मुबारक हो चाँद, चलो ईद का जश्न मनाएं…
आप सभी को ईद मुबारक
Eid Mubarak Sher-o-Shayari
नज़र का चैन दिल का सरूर होते हैं
कुछ ऐसे लोग जहाँ में जरूर होते हैं
सदा चमकता रहे ये ईद का तयौहार
करीब रह के भी हम से जो दूर होते हैं
ए चाँद, तू उनको मेरा पैगाम कह देना
ख़ुशी का दिन और हंसी की शाम देना
जब वो देखे तुझे बाहर आकर
उनको मेरी तरफ से ईद मुबारक कह देना
उसे मालूम है उसके आने से हो जायेगी ईद मेरी,
चाँद सा वो मेरे आँगन में उतर क्यों नहीं आता।
बस एक झलक उसकी भर देगी खुशियों से मुझे,
वो मोतियों सा मेरे होठों पे बिखर क्यों नहीं जाता।
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